Monday, March 26, 2018

आज देश एवं हिन्दू समाज जिन विषम परिस्थितयो से गुज़र रहा है ...उसका मुख्य कारन युवा वर्ग का उदासीन रव्वैया है ...इतिहास साक्षी है जिस देश के युवा समाज का पतन हुआ है उस देश का पतन हुआ है ...अपने देश और अपने समाज को बचाने के लिए ...आज के युवा वर्ग न जागरूक होना न सिर्फ आवश्यक है बल्कि परिस्थियो की मांग भी है ....जाग्रत युवा ही इस देश एवं हिन्दू समाज को बचा सकता है ....
इसी हेतु हमारे संगठन अमात्य परिषद् का गठन किया गया है ....
आमात्य परिषद् का मूल ~" त्याग "
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'अमात्य ' प्राचीन भारत के धरातल से उपजा शब्द है .......
जिसका अर्थ है "बुद्धजीवी और मनीषी "
आज तक के सभी हिन्दू संगठनो से हट कर अमात्य परिषद् का गठन हुआ है
हमारी सोच चाणक्य नीति पर आधारित है
चाणक्य नीति को दृष्टिगत रखते हुए हमने अमात्य परिषद् का गठन किया  है
परम्परावादी हिन्दू संगठन आज तक एक ही विचारधरा को लेकर चले है ...परन्तु अमात्य परिषद् की विचारधारा सनातन हिन्दू धर्म एवं आज इक्कीसवी सदी को ध्यान में रख कर तैयार की गई है
आप सभी भारतवंशियो का सहयोग अगर हमें मिला तो हम आपको विश्वास दिलाते है के आने वाले समय में अमात्य परिषद् भारतवर्ष के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत करेगा...
अगर आप भी हमारे साथ जुड़ना चाहते है तो नीचे दिए गए ईमेल एड्रेस अथवा फेसबुक लिंक पर visit करे
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ravibhadra12@rediffmail.com

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