जिसको न निज गौरव तथा निज देश पर अभिमान है वह नर नहीं,पशु निरा है,और मृतक समान है- राष्ट्रीय कवि श्री मैथिलीशरण गुप्तजी.
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जिसको न निज गौरव तथा निज देश पर अभिमान है वह नर नहीं,पशु निरा है,और मृतक समान है- राष्ट्रीय कवि श्री मैथिलीशरण गुप्तजी.
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