जिसको न निज गौरव तथा निज देश पर अभिमान है वह नर नहीं,पशु निरा है,और मृतक समान है- राष्ट्रीय कवि श्री मैथिलीशरण गुप्तजी.
Sunday, March 25, 2012
Sunday, March 11, 2012
है मेरे पास भी बहुत जो चुराया जाये
है मेरे पास भी बहुत
जो चुराया जाये
मुझ से हट कर
मेरे देस के लोगो
को दिखाया जाये
जो चुराना है
तो चुरा लो
में आज हर राज़ लिख दूंगा
बिगड़ता मिजाज़ मुल्क का
बदतर होते हालात लिख दूंगा
..........
रवि कुमार "रवि
जो चुराया जाये
मुझ से हट कर
मेरे देस के लोगो
को दिखाया जाये
जो चुराना है
तो चुरा लो
में आज हर राज़ लिख दूंगा
बिगड़ता मिजाज़ मुल्क का
बदतर होते हालात लिख दूंगा
..........
रवि कुमार "रवि
Friday, March 9, 2012
अजीबो गरीब फैसले तेरे देश में हो जाते है
अजीबो गरीब फैसले
तेरे देश में हो जाते है
ठग किसी तरह जाते है
लुटेरे डाकू लौट आते है
निराला ही है अंदाज़
तेरे वतन के लोगो का
खुद चुनते है नेता गलत
और फिर बाद में अपने
को ही गलियाते है
...........
रवि कुमार "रवि"
Saturday, March 3, 2012
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