Wednesday, January 25, 2012

गणतंत्र तुम्हारा स्वागत है

घुट घुट कर मरते जनतंत्र संग
गणतंत्र तुम्हारा स्वागत है
भूखे नंगे बच्चो के संग
गणतंत्र तुम्हारा स्वागत है
50वी सदी आये थे जब तुम
लोकतंत्र ही नारा था
गणतंत्र तुम्हारी ताकत थी
जनतंत्र को नया सहारा था
तिल तिल मरता भारत है
और बुझते दिनों की आह्ट है
मर मर के जीते जनतंत्र संग
गणतंत्र तुम्हारा स्वागत है
रोज़ ही मरते अब किसान और
युवा ह्रदय भी आहत है
तिल तिल जलते भारत के संग
गणतंत्र तुम्हारा स्वागत है
अफजल कसाब यहाँ है अतिथि
अन्ना स्वामी अपराधी है
जनतंत्र के होते बलात्कार संग
गणतंत्र तुम्हारा स्वागत है
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रवि कुमार "रवि"
आप सभी मित्रो को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुबकामनाएं




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