फ़ेसबुक
दुश्मनी मेरी इससे कोई जाती नहीं है
लेकिन फ़ेसबुक की दुनिया मुझे भाती नहीं है
दीवार पे लिखो, दीवार पे बाँचो
यूँ दीवारों से बातें की जाती नहीं है
एक नहीं, दो सौ नौ फ़्रेंड्स हैं मेरे
कहने को दोस्त, लेकिन कोई साथी नहीं है
विडियो और फोटो में कुछ ऐसा फ़ंसा
कि शब्दों की सही वर्तनी अब आती नहीं है
फ़ेसबुक की दुनिया एक सूखे पेड़ सी है यारो
जिसमें शाख ही शाख है कोई पाती नहीं है
http://mere--words.blogspot.com/
लेकिन फ़ेसबुक की दुनिया मुझे भाती नहीं है
दीवार पे लिखो, दीवार पे बाँचो
यूँ दीवारों से बातें की जाती नहीं है
एक नहीं, दो सौ नौ फ़्रेंड्स हैं मेरे
कहने को दोस्त, लेकिन कोई साथी नहीं है
विडियो और फोटो में कुछ ऐसा फ़ंसा
कि शब्दों की सही वर्तनी अब आती नहीं है
फ़ेसबुक की दुनिया एक सूखे पेड़ सी है यारो
जिसमें शाख ही शाख है कोई पाती नहीं है
http://mere--words.blogspot.com/
No comments:
Post a Comment